परलोक में मिला हनुमान मंदिर बनवाने का आदेश
यह घटना गढ़वाल जिले के रानाघाट के पास छुंडी गांव की है। यहां के निवासी रुद्रदत्त का शरीर एक दिन अचानक शांत हो। शरीर में जीवन के चिन्ह खत्म हो चुके थे।
सगे-संबंधी इनकी मृत्यु पर विलाप करने लगे। दूसरी ओर मृतक संस्कार की भी तैयारी होने लगी। इसी बीच रुद्रदत्त के शरीर में हलचल होने लगी।
रुद्रदत्त के प्राण वापस लौटने के बाद उसने परलोक के अनुभव लोगों को बताए और कहा कि उसे हनुमान जी का मंदिर बनवाने का आदेश मिला।
रुद्रदत्त जो काफी समय से बीमार चल रहा था वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। परलोक में मिले आदेश के अनुसार हनुमान जी के मंदिर का निर्माण करवाया। यह घटना 8 जनवरी 1960 की है।
सगे-संबंधी इनकी मृत्यु पर विलाप करने लगे। दूसरी ओर मृतक संस्कार की भी तैयारी होने लगी। इसी बीच रुद्रदत्त के शरीर में हलचल होने लगी।
रुद्रदत्त के प्राण वापस लौटने के बाद उसने परलोक के अनुभव लोगों को बताए और कहा कि उसे हनुमान जी का मंदिर बनवाने का आदेश मिला।
रुद्रदत्त जो काफी समय से बीमार चल रहा था वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। परलोक में मिले आदेश के अनुसार हनुमान जी के मंदिर का निर्माण करवाया। यह घटना 8 जनवरी 1960 की है।
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